अरब सागर से उठा डीप डिप्रेशन मंगलवार को चक्रवाती तूफान में बदल गया। इस तूफान का नाम निसर्ग है जो 13 किमी/घंटे की रफ्तार से महाराष्ट्र के तट की ओर बढ़ रहा है। रात 2:30 बजे यह अलीबाग से 200 किमी और मुंबई से 250 किमी दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में था।अनुमान है कि यह महाराष्ट्र मेंरायगढ़ के हरिहरेश्वर और दमण के बीच अलीबाग के पास 110 किमी/घंटेकी रफ्तार से टकराएगा। वहां से होते हुए उत्तर में मुंबई, पालघर से होते हुए दक्षिण गुजरात की ओर बढ़ेगा। मुंबई तो इस सदी के पहले बड़े तूफान की जद में आ रही है।
चक्रवात निसर्ग की वजह से मुंबई से आने जाने वाले 19 उड़ानें रद्द की गई है। इनमें से 11 मुंबई से जाने वाली और 8 आने वाली हैं। उधर, मध्य रेलवे ने मुंबई जाने वाली 8 स्पेशल ट्रेनों के समय में बदलाव किया है।
महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की 20 टीमें तैनात
महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की 20 टीमें तैनात की गई हैं। इनमें से मुंबई में 8, रायगढ़ में 5, पालघर में 2, ठाणे में 2, रत्नागिरी में 2 और सिंधुदुर्ग में 1 टीम राहत और बचाव का काम करेगी। उधर,गुजरात के तटीय जिलाें में 80 हजार लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया। नौसेना ने मुंबई में 5 फ्लड रेस्क्यू टीम और 3 गोताखोर टीम तैनात की हैं। पालघर जिला पूरी तरह बंद कर दिया गया है। दोनों राज्यों के 11 जिलों में अलर्ट है।
परमाणु-केमिकल यूनिट काे खतरा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रीउद्धव ठाकरे ने कहा कि तूफान के मार्ग में रायगढ़ और पालघर में पड़ने वाले परमाणु और रासायनिकसंयंत्र भी हैं, इन्हें लेकरचिंता जताई जा रही है। इससे बिजली बंद होने का भी खतरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने इस संबंध में उद्धव से बात भी की।
निसर्ग का असर कहां-कहां
तूफान के असर से मुंबई और गोवा में बारिश हो रही है। बुधवार को मुंबई में 27 सेमी से ज्यादा बारिश होने का अनुमान है। समुद्र में 2 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं। तूफान की आशंका वाले जिलों में बिजली-पानी की सप्लाई बंद की जा रही है। मध्यप्रदेश के भाेपाल, उज्जैन, इंदाैर, ग्वालियर संभाग के कुछ जिलाें और शहराें में भारी या अति भारी बारिश के आसार हैं। धार में मंगलवार को एक इंच पानी बरसा।
1891 के बाद महाराष्ट्र में तूफान का खतरा
मौसम विभाग के साइक्लोन ई-एटलस के मुताबिक, 1891 के बाद पहली बार महाराष्ट्र के तटीय इलाके के आसपास साइक्लोन का खतरा मंडराया है। इससे पहले साल 1948 और 1980 में ऐसी स्थिति उत्पन्न तो हुई थी, लेकिन वो चक्रवात में बदल पाई थी। उधर, तूफान के असर से बुधवार-गुरुवार काे मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर समेत चार संभागों के ज्यादातर हिस्से में 2 से 4 इंच तक यानी 5 से 10 सेमी तक बारिश हाे सकती है।
देश में 4 साल बाद मानसून के साथ तूफान
केरल में मानसून की दस्तक के साथ अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान निसर्ग अति तीव्र तूफान में बदलने वाला है। डाॅप्लर राडार इंचार्ज वेद प्रकाश ने बताया कि जून के पहले हफ्ते में जब धरती सूखी रहती है आयन ज्यादा मात्रा बनते हैं पानी बरसने पर ब्लीचिंग हाे जाती है, सतह से हट जाते हैं, इस कारण बिजली गिरने की आशंका बढ़ जाती है।
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